1 तानकेरता मी जो मालीक यीशुन केरता बोंदी हे, तुमूह विन्ता केरथु काय बोगवाना फाय रेन जीहे हादावणी ईयेल हे, ताह होबे ओहला जीवो। 2 [a]आखी दीनता एने गेरबोड़ाय माय दिर देरीन आपसाम मोंगा माय एका दिहरान वेठ लिवो। 3 एने ती सान्ती जी तुमूह आपसाम बांदिह ता से पायदा ईयेल जीवान एकता बाणावीन मेलनेन केरता एकेक टेमा माय कोसीत किरो। 4 एक सेरीर एने एकुस जीव हे; ठिक इहीचकेरीन केरीन ती आसा बी एकुस हे, जा माय तुमू हादाड़ाय गीया। 5 एकुस मालीक हे, एकुस बुरहो, एकुस बपतीस्मा, 6 एकुस बोगवान हे जो आखान आबोख हे, जो आखान मालीक हे, जो आखा माय काम किरेह, एने जो आखा माय हे। 7 पुण आमु माय रेन एकेकाह मसीन दान तान मोज मापान गेत गीण जुड़ेल हे। 8 वचन इही किथे:
17 तानकेरता मी मालीकान नावा माय चेतावणी आपथु काय जिहकेरीन बिगेर यहुदिन माणहे तान मोनान व्यर्थ विचार माय जीवतेह, तुमू एवी रेन इहकेरीन मा चालो। 18 काहाकाय तान इकेल आदारा माय जात रियेल हे, एने मोनान कोपेट एने बिगेर एकलीवाला कोपेट एने बिगेर एकलीन वोजेसे एने बोगवानान जीवायीह रेन ता आंगे एय रेनाह। 19 एने ता माय रेन लाज जात रियेल हे; एने ता सोताह खाराब काम केरनेम लागाड़ देनाह, काल्ली बी वात नाह मानेन आखी बातीन खाराब कामा माय लाग रेनाह।
20 मसीन बाराम ओहली हिकवोण तुमूह नाह आपेल ईतो। 21 केदी तुमू तान बाराम होमलेल एने तान हिकवोणाह स्वीकार किरेल हेते, जो मसी यीशु माय खेरलो हे। 22 [~4~]केरीन तुमू तुमरा बोलना चालनान जुनाला माणहाह, जो कोपेट ने खाराब लालसान गेत खेतेम ईती जाथे, उतार दिवो। 23 तुमरो सोचणेन एने सेवा केरनेन बोदेलने जुवे। 24 [~5~]एने नोवाला माणहाह पिर लिवो, जो बोगवानान गेत खेरायीन न्यायीपण, एने चोखाली जीवाय माय बोणाय गीयोह।
25 तानकेरता जुठ बोलनेन सोड़ीन एकेक माणुह तान आहेंल्या हेऱ्या खेरलो बोली, काहाकाय आमु आखा मसीन सेरीरान अंग हेते। 26 राग ते किरो, पुण पाप मा किरो, दिह बुड़नेन पेल तुमरो राग ओलाय जाय। 27 एने सैतानाह टेम मा आपो, 28 जो माणुह पेल चोरी केऱ्या केरतालो, तो पोशो चोरी नाय केरी, पुण हाजा काम केरनेन केरता मेहनेत केरी, ज्यानकेरता काय जा माणहाह गिरेज पुड़ेह ताह आपणेन केरता ता फाय जुलूम काय रेय। 29 तुमरा मुयाम रेन हानिकारक खाराब वात नाय निकले, पुण जो हाजो रेय जी हाजी हे, एने आखान फायदान केरता एय, काय होमेलनारान जीवणाम गीण लावी। 30 तुमू बोगवानान चोखाला जीवाह दुख मा पोचाड़ो; काहाकाय तास ने द्वारा तुमू पोर सुटकारान दिह्यान केरता साप लागाड़ेल हे। 31 आखी कड़वाहट, प्रकोप, राग, राड़, खाराब बोलने एने दुख पोचाड़नार वातु एने आखी बातीन खाराबपोणा माय निकाल दिवो। 32 [~6~]एका दिहरा पोर मोंग एने गीण केरनार बुणो, एने तुमू एका दिहराह माफ केरनारे बुणो, जिहकेरीन बोगवान मसीन वोजेसे तुमूह माफ किरेल हे।
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